
नई दिल्ली : Elon Musk की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जल्द ही भारत में लॉन्च हो रही है. इससे पहले एलन मस्क ने एक नई तरह की डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी पेश की है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स का मोबाइल डायरेक्ट सेटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा. इसके लिए यूजर्स को किसी स्पेसिफिक हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होगी.
इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स बिना सिम कार्ड के भी कॉलिंग और टेक्स्ट मैसेज सर्विस का इस्तेमाल कर पाएंगे. स्टारलिंक की ये सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से बिल्कुल अलग है और लोअर ऑर्बिट के जरिए लो लेटेंसी में यूजर्स को सुपर फास्ट इंटरनेट एक्सेस कराता है. ये यूजर्स को बेहतर कनेक्टिविटी भी देता है.
क्या है Direct-to-Cell टेक्नोलॉजी?
यह एक एडवांस सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी है. इसके जरिए यूजर्स के स्मार्टफोन को सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट किया जाता है. इस टेक्नोलॉजी की खास बात ये है कि इसके लिए मोबाइल फोन में किसी खास सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं, फोन को किसी रिसीवर या टेरेस्टियल डिवाइस की जरूरत नहीं होती है. यूजर्स अपने फोन को डायरेक्ट सेटेलाइट से कनेक्ट कर सकेंगे. फिलहाल यह टेक्नोलॉजी टेस्ट मैसेज और कॉलिंग को सपोर्ट करता है. जल्द ही इसमें इंटरनेट सर्विस का भी फायदा मिल सकेगा.
Direct-to-Cell टेक्नोलॉजी से होगा ये बदलाव
Direct-to-Cell टेक्नोलॉजी आने से करोड़ों मोबाइल को सैटेलाइट से जोड़ने में मदद मिलेगी. लॉजिस्टिक, एग्रीकल्चर और रिमोट मॉनिटरिंग में इससे काफी मदद मिलेगी. यूजर्स आम स्मार्टफोन के जरिए सैटेलाइट इंटरनेट से कनेक्ट कर सकेंगे. वहीं, इमरजेंसी में बिना किसी नेटवर्क वाले एरिया से भी इसे कनेक्ट किया जा सकता है.
टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ मिलकर काम करेंगे मस्क
एलन मस्क की स्टारलिंक ने इसके लिए कई देशों के टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी की है. आने वाले कुछ महीनों में यूजर्स को डायरेक्ट-टू-सेल इंटरनेट सर्विस का फायदा मिल सकता है. इसके जरिए यूजर्स को 250 से 350Mbps की स्पीड से इंटरनेट एक्सेस भी मिलेगा.