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Garud Puran : क्यों हर घर में पैदा नहीं होती लड़कियां? महाभारत में श्री कृष्ण ने क्या कहा था? पता लगाना

Garud Puran : क्यों हर घर में पैदा नहीं होती लड़कियां? महाभारत में श्री कृष्ण ने क्या कहा था? पता लगाना

नई दिल्ली : गरुड़ पुराण – आजकल हम महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की चौंकाने वाली खबरें सुनते और देखते हैं…जिसने महिलाओं के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। आज भी महिलाएं घर से बाहर आने-जाने में असुरक्षित महसूस करती हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग राक्षसी भी होते हैं, जो लड़कियों को जन्म से पहले ही मां के गर्भ में मार देते हैं। जैसा कि महाभारत में बताया गया है, भगवान कृष्ण शिशुहत्या को सबसे बड़ा पाप मानते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं? हर घर में लड़कियाँ क्यों पैदा नहीं होती? इस बारे में श्रीकृष्ण क्या कहते हैं? गरुड़ पुराण में क्या कहा गया है? आइए विस्तार से जानते हैं.

कन्यारत्न से कैसे लाभ होता है? भगवान कृष्ण ने कहा..

ये भी सच है कि कुछ लोग आज भी लड़कियों को बोझ समझते हैं. हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही लड़कियों को समान अधिकार दिया गया है। लेकिन जानकारी के अभाव में कुछ लोग लड़कियों को बोझ समझते हैं। लेकिन वो शायद ये नहीं जानते होंगे कि हिंदू धर्म में लड़कियों को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। आज भी हिंदू लोग नवरात्रि में कन्याओं की पूजा करते हैं, कन्यारत्न यूं ही नहीं दिया जाता. इसका कारण भगवान श्रीकृष्ण ने विस्तार से बताया है.. जानिए..

गरुड़ पुराण में क्या कहा गया है?
गरुड़ पुराण में एक कथा वर्णित है। इस कहानी में श्रीकृष्ण बताते हैं कि लड़कियां किस घर में जन्म लेती हैं। कथा के अनुसार एक दिन अर्जुन और श्रीकृष्ण बैठे हुए थे। दोनों जन्म और मृत्यु के बारे में बात कर रहे थे। उसी समय अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा कि हे भगवान.. किस कर्म के कारण माता-पिता को कन्यारत्न मिलता है?

यानी भगवान लड़कियों के जन्म के लिए घर कैसे चुनते हैं? तब श्रीकृष्ण मुस्कुराते हुए कहते हैं पार्थ आज अचानक तुम्हारे मन में यह प्रश्न कैसे आया? अर्जुन कहते हैं नारायण!, मैं सोच रहा था कि सभी लड़कियाँ लक्ष्मी हैं और देवी लक्ष्मी हर किसी के घर नहीं आती हैं। इसीलिए मैंने आपसे यह प्रश्न पूछा। श्री कृष्ण कहते हैं..

लड़कियाँ किस घर में पैदा होती हैं? श्रीकृष्ण ने कहा..
श्रीकृष्ण ने कहा, अर्जुन! अगर किसी के घर में लड़का पैदा होता है तो यह उसका सौभाग्य होता है, लेकिन अगर किसी के घर में लड़की का जन्म होता है तो यह उसके लिए सौभाग्य की बात होती है। लड़के भाग्य से पैदा होते हैं और लड़कियाँ भाग्य से पैदा होती हैं। पूर्व जन्म में अच्छे कर्म करने वाले स्त्री-पुरुषों को बेटी के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। श्रीकृष्ण आगे कहते हैं, भगवान लड़कियों के जन्म के लिए ऐसे घर चुनते हैं, जो लड़कियों का बोझ उठा सकें। भगवान जानता है, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अमीर होने पर भी लड़कियाँ नहीं खरीद सकते। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो गरीब होने के बावजूद भी अपनी बेटियों को बड़े प्यार से पालते हैं। सृष्टि के रचयिता को पहले से ही पता है कि लड़कियों के लिए अच्छे माता-पिता कौन हो सकते हैं।

बेटियों के बिना सृष्टि अधूरी है!
श्री कृष्ण अर्जुन से आगे कहते हैं, कन्याचा ब्रह्मांड पर शासन करता है। जिस दिन इस दुनिया में लड़कियों का जन्म बंद हो जाएगा, दुनिया रुक जाएगी। फिर कुछ ही दिनों में यह सृष्टि नष्ट हो जायेगी। लड़कियाँ अपने माता-पिता को लड़कियों के रूप में सबसे अधिक प्यार देती हैं। फिर शादी के बाद जब वह ससुराल जाती है तो वहां बहू और पत्नी की तरह अपना प्यार बांटती है। इसके बाद वह मां बन जाती है और अपने बच्चे को सबकुछ देती है। एक लड़का एक कुल का नेतृत्व करता है, लेकिन एक लड़की दो कुलों का नाम रोशन करती है।

स्त्री की योनि में जन्म क्यों लेते हैं?
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा अपने कर्मों के अनुसार दूसरा जन्म लेती है। जो लोग मृत्यु के समय भी स्त्री के बारे में सोचते हैं उनका जन्म स्त्री योनि में होता है। इतना ही नहीं, बल्कि अगर कोई पुरुष अपने मानव जीवन में महिलाओं को परेशान करता है या उन्हें नुकसान पहुंचाता है, तो वह अगले जन्म में एक महिला के रूप में जन्म लेता है।

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